आज मानो सूरज ने
चाँद को बुला लिया हो
क्षितिज पर लालिमा बिखेर
उसे अलविदा कह रहा हो
दोनों का ऐसे मिलना
कुछ अजीब जरूर लगता है
पर पंछियों की चेह्चाहाहत ने
शायद इसे रूमानी बना दिया हो
ये बादल भी आकृतियाँ बना
जैसे इन्हें तोहफे दे रहे हो
तारे भी जगमगा कर मानो
इनको जाने को कह रहे हो
दूर जगमगाती खिड़कियाँ भी
जैसे आसू बहा रही हो
ये काले पेड़ भी उनपर
रुकने का जादू कर रहे हो
चाँद को बुला लिया हो
क्षितिज पर लालिमा बिखेर
उसे अलविदा कह रहा हो
दोनों का ऐसे मिलना
कुछ अजीब जरूर लगता है
पर पंछियों की चेह्चाहाहत ने
शायद इसे रूमानी बना दिया हो
ये बादल भी आकृतियाँ बना
जैसे इन्हें तोहफे दे रहे हो
तारे भी जगमगा कर मानो
इनको जाने को कह रहे हो
दूर जगमगाती खिड़कियाँ भी
जैसे आसू बहा रही हो
ये काले पेड़ भी उनपर
रुकने का जादू कर रहे हो
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