Thursday 24 August 2017

अजनबी तुम अजनबी हम !!


अब तो एक ऐसा दौर आ गया है
जब हम एक दूसरे की ओर देखना भी नहीं चाहते
तुम शायद आगे निकल गए हो ज़िन्दगी के दौर में
या शायद मैं पीछे छूट गया हूँ इस सफर में
ऐसे करवा में हो गए..कुछ अजनबी तुम अजनबी हम

तुमसे बातें किये बिना कल तक दिन पूरा नहीं होता था
आज तुमसे बातें करने को बातें नहीं होती
तुम कुछ बताती नहीं और मेरी बातें सुन्ना नहीं चाहती
मुझ से ज्यादा तो तुम अपने दोस्तों का साथ पसंद हो करती
इसी सन्नाटे में होते जा रहे..कुछ अजनबी तुम कुछ अजनबी हम

जानता हूँ मैं की हम दूर थे पर शायद हमारे दिल करीब थे
वक़्त के सैलाब ने लेकिन सब कुछ उथल पुथल कर दिया
मैं खुद को जितना संभल रहा था तुम उतना और गिरते जा रही थी
मैं जितना पास आने की कोशिश कर रहा था तुम उतना दूर जा रही थी
ऐसे ही हालात में हो रहे थे..कुछ अजनबी तुम कुछ अजनबी हम

एक लम्बा अरसा हो गया है तुमसे बात किये हुए
वक़्त मिले तो हमारा ख्याल कर लेना अपने इस व्यस्त सफर में
पता हैं मुझे.. की और लोग भी है तुम्हारे पास इस कतार में
याद करना वो लम्हा जब तुम ही तुम थी मेरी कतार में
इसी भाग दौर में हो रहे..कुछ अजनबी हम कुछ अजनबी तुम



Wednesday 29 March 2017

जिंदगी जीने की कला !!

क्या होता है जब आपका कोई ख़ास, जिनके लिए आप कुछ भी कर सकते है हर वक़्त आप उपलब्ध रहते है चाहे वो कोई भी वक़्त क्यों न हो, एक नयी ज़िन्दगी जीना शुरू करता है ? शुरू शुरू में उसे कई परेशानियां होती है, जहाँ आप हर बार उसकी मदद करने से नहीं कतराते, धीरे धीरे फिर वो संतुलित हो जाते है उस पर्यावरण में. उसे नयी ज़िन्दगी मिलती है, नए लोग, नयी जगह, नए दोस्त और नए दुश्मन भी. क्या इसमें उनलोगों का कोई हाथ नहीं जिन्होंहे उन्हें वह पहुचने में उनको मदद की? हर कदम पर उनके साथ रहे, उनकी मदद की और उन्हें बढ़ावा भी दिया और बदले में उन्हें क्या मिला ? सिर्फ इंतज़ार !!!

वो नए लोगो के साथ इस कदर मिल जुल जाते है की उन्हें पुरानों की कोई चिंता ही नहीं. मैं ये नहीं कहता हूँ की आप अपनी ज़िन्दगी मत जियो पर उन लोगो को नज़रअंदाज़ मत कर दिया करो जिनका प्यार और स्नेह से आप यहाँ तक पहुँचे है. वैसे लोग बहुत मिलेंगे जो आएंगे, मज़े लेंगे और चले जायेंगे पर वो लोग हमेशा साथ रहेंगे जो आपको तहे दिल से चाहते है, आपकी क़द्र करते है, आपको सदा आगे बढ़ते हुए देखना चाहते है और आपको उसके लिए प्रेरित भी करते है अगर आप उन्हें अगर अपना थोड़ा सा भी वक़्त नहीं दे सकते हो तो यह ज्यादा बेहतर होगा की आप ये कबूल कर लो की आप उनके लायक नहीं है. मेरा व्यक्तिगत ये मानना है की हर इंसान में ये कला होनी चाहिए, अगर नहीं है तो सीखनी चाहिए, की वो सबको मिला कर रखे..नए दोस्तों और लोगो के साथ तो वो दिन का ज्यादातर वक़्त गुज़ार ही देते है पर उन्हें अपने दिन का थोड़ा सा हिस्सा पुराने लोगों के लिए भी रखना चाहिए क्योंकि जिस तरह नए लोग महत्वपूर्ण है वैसे ही पुराने दोस्त भी तो ख़ास है !!

Monday 6 February 2017

संघर्ष

ईश्वर ने किस तरह से इंसान को बनाया है न. हमे दिल और दिमाग दोनों दिए है. दिल की करामातों की सजा दिमाग को भुगतनी पड़ती है और जो दिमाग करने को कहता है वहाँ दिल ही नहीं लगता है. दिल कहता है हवा में तैरूं तो दिमाग होने वाले शारीरिक दर्द की ख़याल दिलाता है. दिल कहता है की कही निकल चले बिना कुछ सोचे बिना कुछ समझे तो दिल समय और पैसे की तंगी की ओर इशारा करता है. दिल कहता है की किसी से दिल लगा लो तो दिमाग कहता है की अभी अपना मुकाम हासिल कर लो.

मैंने ऐसा पाया है की जिन लोगो का दिमाग उनके दिल पर राज़ करता है वो आगे तो बढ़ जाते है पर वो अकेले होते है उनके साथ खुशिया बाँटने के लिए कम लोग होते है और जो लोग दिल लगा बैठते है वो भी आगे बढ़ते है पर धीरे धीरे रुकते हुए,गिरते हुए, सँभलते हुए. इस बात से हमे यह नहीं समझ लेना चाइये की कोई भी गलत है. दोनों की अपनी अपनी तरीके है अपनी ज़िन्दगी जीने के. किसी को सफलता पसंद है तो किसी को सफलता के रस्ते पर आराम से चलना सफलता से ज्यादा पसंद है. हमे एक दूसरे की कदर करनी चाहिए.

हमे इस बात की कोशिश करनी चाइये की हम अपना दिल वहाँ लगाए जहाँ दिमाग बोले या फिर दिमाग वहाँ लगाए जिस तरफ दिल ले जाए. मुझे ऐसा लगता है की इस दोनों परिस्थितियों में हमारे सफलता के सम्भावना ज्यादा होती है.