Monday 29 February 2016

मुलाकात !!

पिछले कुछ महीनो से थोड़ी उथल पुथल चल रही है मेरी ज़िन्दगी में शायद, कोई है जो मेरे ज़ेहन में बस्ता जा रहा है, वैसे तो उसके साथ समय काटना मुझे रास आता है और दिन का एक हिस्सा उसके बारे में सोचते हुए ही निकल जाता है. जानता हूँ मैं की उसे पाना थोड़ा टेढ़ी खीर चखने के सामान है पर शायद मैं उसे पाना नहीं चाहता बस उसके साथ अपना वक़्त बाँटना चाहता और अगर मुझे वो मिल भी जाये और उसमे उसकी मर्ज़ी न हो तो फिर वो पाना ही क्या. हम दोनों के दरम्यान सब कुछ धीरे चल रहा पर शायद ठीक चल रहा है फिलहाल, हाँ मैं मानता हूँ की वो सभी पैमानों पर उत्तम तो नहीं है और आज के ज़माने में वैसा कोई होता भी नहीं है और अभी के हालातों को देख कर मैं कहता हूँ की किसी को वैसा होना भी नहीं चाहिए पर फिर भी वो मेरे लिए अज़ीज़ है, मेरे दिल के करीब है.
उनकी चश्मे की दूकान मुझे काफी पसंद पड़ती है और जिस तरह उस दूकान पर बैठी आँखे अपनी मासूम और शरारती नज़रे बेचती है वो एक अलग ही अंदाज़ मुझे प्रतीत होता है. अगर बात करे उनके ज़िद्द की तो उसे मापना खुद में ही एक कीर्तिमान होगी जिसका साहस कम से कम मुझमे तो नहीं है बल्कि मैं उनके इस ज़िद्दी स्वाभाव के साथ अनुकूल बनना चाहूंगा.
एक लम्बे  ही दिनों में उनके साथ मुझे एक मोहलत मिलने वाली है जब हम दोनों आमने सामने होंगे और कुछ बातें बिन कहे ही हो जाएंगी, वैसे तो मैं इस लम्हे का इंतज़ार कर रहा था पर जैसे जैसे वक्त नज़दीक आता जा रहा है वैसे वैसे ही दिल में डर और दिमाग में तनाव बढ़ता जा रहा है, उम्मीद है सब कुछ ठीक रहेगा.इस भेंट के पीछे न जाने कितने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लोगो का हाथ है जिन सबका मैं सुक्रिया अदा करना चाहूंगा.

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